हुनर सभीको यहाँ हस्बे-हाल देता है
किसी किसी को वो रोशन ख़याल देता ह
वो देके मर्तबे मुझ जैसे जाहिलों को भी
शऊरमंदो को हैरत में डाल देता है
वो ऐसे-वैसो को देता है दौलतें लेकिन
नसीब वालों को रिज़्के – हलाल देता है
उसीके दम से है क़ायम ये रोशनी का निज़ाम
जो चाँद डूबे तो सूरज निकाल देता है ..!