तय करना था एक लंबा सफर पर कोई हमसफ़र नहीं था…
मुजपे आते जाते मौसमों का कोई असर नहीं था…
क्या खूब मिलिथी उनसे मेरी नज़र किसी रोज,
अब न मिले वो एक पल भी, तो हमको सबर नहीं था…
तय करना था एक लंबा सफर पर कोई हमसफ़र नहीं था…
मुजपे आते जाते मौसमों का कोई असर नहीं था…
क्या खूब मिलिथी उनसे मेरी नज़र किसी रोज,
अब न मिले वो एक पल भी, तो हमको सबर नहीं था…