टीपू सुल्तान की शहादत
को मेरा सलाम।
हिन्दुस्तान की शान और मैसूरj का शेर ।
इतिहास से मुसलमान शहीदो का नाम
हटाया जा रहा है ।
कोई ऐसा नही जो शहीद टीपू सुल्तान
को ना जानता हो ।
20-11-1750 को इस शेर ने हैदर अली-
फातिमा फख्रुन्निसा के घर मे जन्म
लिया ।
और मात्र 48 साल की उम्र मे 4-5-1799
को बहुत इज्ज़त के साथ एक धोखेबाज़
की गद्दारी से इस दुनिया से
विदा हो गये ।
टीपू पहले इंसान हैं जिन्होने उस ज़माने मे
मिसाइल जैसे हथियार
को बना लिया था ।
टीपू सुल्तान के नाम से
पूरी अंग्रेजी हुकूमत काँपती थी ।
अंग्रेज़ खुद कहते थे कि जब तक टीपू है हम
हिन्दुस्तान को पूरी तरह से गुलाम
नही बना सकते ।
जब अंग्रेज टीपू को मात नही कर पाये
तो उनहोने एक हिन्दू फौजी को खरीद
लिया ।
टीपू हर अपने पर भरोसा करते थे
तो इसी भरोसे के चलते वो अंग्रेजो से
मुकाबला करते रहे ।
आखिर मे उस गद्दार की गद्दारी काम
आई और टीपू रंगा पटनम के मैदान मे
मुकाबला करते हुवे शहीद हो गये,,, मगर
दुशमन को इतनी दहशत थी कि टीपू के
शरीर को चैक करने की भी हिम्मत
नही जुटा पाये ।
आखिर 3 दिन बाद जब टीपू के शहीद
होने की तस्दीक की तब अंग्रेजो के मुँह पर
एक ही बात थी,,, आज हम कामयाब
हो गये, अब हम हिन्दुस्तान
को आसानी से गुलाम बना सकते हैं ।
दोस्तो ये है शहीद टीपू सुल्तान
की मुख्तसर कहानी, वो उलेमा-ए-दीन
थे,,, वली अल्लाह थे,,, नेक-परहेज़गार बंदे थे

आज इतिहास से देश के लिये
मुसलमानो की कुर्बानी को प्लानिंग
के साथ खत्म किया जा रहा है ।
मगर सच सच ही रहेगा ।
जो आप जानते हो वो आने
वाली नस्लो को ज़रुर बताये,,, सिर्फ
एक यही तरीका है कि हम
अपनो का इतिहास अगले अपनो तक
पहुँचाये ।
share the post,

FunnyTube.in