“#फेकू_चालीसा““

दामोदर सुत फेकू नामा।
संघ के दूत जगत ये जाना।।
जय फेकू गप्पों के सागर।
फेकू नाम से हुए उजागर।।
तुमको आता फेकू आसन।
सिखलाया है फेकू भाषण।।
अपनी बीबी को था त्यागा।
छोड़के बीबी को था भागा।।
नहीं किसानों की है चिन्ता।
आम आदमी की न सुनता।।
जब से पीएम तुम्हें बनाया।
भारत में तू रुक न पाया।।
देश देश में फिरे घूमता।
दानी बनकर बहुत झूमता।।
देश की दौलत बहुत लुटाई।
तुझे जरा भी शर्म न आई।
ढ़ोंग तुम्हारे हुए उजागर।
हम पछताए तुम्हें जिताकर।।
लोगों का है मुश्किल जीना।
मँहगाई को इतना कीन्हा।।
बाबा सा जो बड़ा घमण्डी।
और भागवत सा पाखण्डी।।
तूने उन्हें सुरक्षा दी है।
अम्बानी पर कृपा जो की है।।
फूलें और फले आडानी।
झटके से बाहर अडवानी।।
जनता ने जिसको ठुकराया।
तुमने मंत्री उसे बनाया।।
बारह पास सिर्फ ईरानी।
क्या तुमने खूबी पहचानी?
शिक्षा मंत्री उसे बनाया।
उसने अभिनय तुरत दिखाया।
येल से फर्जी डिग्री पाई।
उसकी जग में हुई हँसाई।।
योगी जैसे छोड़े अजगर।
जहरीले भाषण दें अक्सर।।
अच्छे दिन कह कर बहकावें।
हिन्दु मुस्लिम बैर बढ़ावें।।
पूँजीपतियों के हित साधें।
भूले हो जो किये थे वादे।।
केवल अपनी करें बढ़ाई।
और न दे कुछ तुम्हें सुझाई।।

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