~कबीरवाणी~
माटी का एक नाग बनाके
पुजे लोग लुगाया
जिंदा नाग जब घर में निकले
ले लाठी धमकाया
जिंदा बाप कोई न पुजे
मरे बाद पुजवाया
मुठ्ठीभर चावल लेके
कौवे को बाप बनाया
यह दुनिया कितनी बावरी हैं
जो पत्थर पुजे जाय
घर की चकिया कोई न पुजे
जिसका पिसा खाय
-संत कबीर