रुई का गद्दा बेच कर
मैंने इक दरी खरीद ली,
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने
और ख़ुशी खरीद ली ।

सबने ख़रीदा सोना
मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी
डोरी ख़रीद ली ।

मेरी एक खवाहिश मुझसे
मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने
अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली ।

इस ज़माने से सौदा कर
एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और
शामें खरीद ली ।

शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से
और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही
“सुकून-ए-ज़िंदगी” खरीद ली ।

TopJokes.in