क्या खूब बोली आज पगली..
किसका प्रेम अधिक है, तुम्हारा या मेरा ?
मैंने भी कह दिया…
जा के समंदर के किनारे तुम अपने हाथों
में पानी उठा लेना…
जितना तुम उठा लो वो तुम्हारी चाहत
ओर जो उठा न सको वो हमारी चाहत
क्या खूब बोली आज पगली..
किसका प्रेम अधिक है, तुम्हारा या मेरा ?
मैंने भी कह दिया…
जा के समंदर के किनारे तुम अपने हाथों
में पानी उठा लेना…
जितना तुम उठा लो वो तुम्हारी चाहत
ओर जो उठा न सको वो हमारी चाहत