रावण जब मृत्यु शय्या पर था, तो उसने राम से एक बहुत ही अच्छी बात कही कि, में तुमसे हर मामले में बड़ा हुं, उम्र में, बुद्धि मे, बल मे, मेरा कुटुम्ब भी तुमसे बड़ा है, मेरी लकां सोने की है, धन दौलत मे भी, मेरा राज्य भी तुमसे बड़ा है, इन सबके बाद भी में हार गया, जानते हो क्यों, क्यों कि तुम्हारा भाइ तुम्हारे साथ था और मेरा भाई मेरे खिलाफ था।.

अंदरुनी एकता बनाये रखो। क्योकि                                 —किसी भी पेड़ के कटने का किस्सा न होता, अगर कुल्हाड़ी के पीछे लकड़ी का हिस्सा न होता।

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