एक दोस्त ने पूछा — “क्या है, परिवर्तन की परिभाषा..??”
गालिब —
“जो कभी बादलों की गरज से डर कर,
लिपट जाती थी मुझसे….
आज वह खुद बादलों से भी ज्यादा
गरजती है..!!”
😆😆😆
एक दोस्त ने पूछा — “क्या है, परिवर्तन की परिभाषा..??”
गालिब —
“जो कभी बादलों की गरज से डर कर,
लिपट जाती थी मुझसे….
आज वह खुद बादलों से भी ज्यादा
गरजती है..!!”
😆😆😆