┳ ┳
┣━┫α ρ ρ у
┻ ┻
*ℳỖŘŇĮŇĞ*
🍀🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀🍀
*हर इंसान को*
*नमक की तरह होना चाहिये,*
*जो भोजन में रहता है*
*मगर दिखाई नहीं देता*
*और अगर ना हो तो*
*उसकी बहुत कमी महसूस होती है*
_*🌞₲❍❍₫ morning ..🌞*_
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*ℳỖŘŇĮŇĞ*
🍀🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀🍀
*हर इंसान को*
*नमक की तरह होना चाहिये,*
*जो भोजन में रहता है*
*मगर दिखाई नहीं देता*
*और अगर ना हो तो*
*उसकी बहुत कमी महसूस होती है*
_*🌞₲❍❍₫ morning ..🌞*_