दुसरो को सुनाने के लिए अपनी “आवाज” ऊँची मत करो…बल्कि …अपना “व्यक्तित्व” इतना ऊँचाबनाओ की आपको सुनने के लिए “लोग” इंतज़ार करें….Good night
दुसरो को सुनाने के लिए अपनी “आवाज” ऊँची मत करो…बल्कि …अपना “व्यक्तित्व” इतना ऊँचाबनाओ की आपको सुनने के लिए “लोग” इंतज़ार करें….Good night