जिस हिसाब से भारत में
क्रिसमस और न्यू यर का
सेलेब्रेशन बढ़ रहा है।
और दीवाली और अपने अमूल्य तहेवारो का
सेलेब्रेशन काम होता जा रहा है।
उस हिसाब से मान लो की।
अगली दो पीढ़ी के बाद
किसी को पता नहीं होगा
की दीवाली का मतलब क्या है।
अगर मेसेज दिल को छुआ है
तो
इसबार अपने त्योहारो के उत्सव में कोई कमी न रहने दे।
अपना गाओ अपना देश को सबसे आगे रक्खे ,

– ली (विश्वास )

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