कुछ पानें के लिये कुछ खोना पढ्ता है,
मुसकुराने के लिये रोना भी पढ्ता है,
यू ही नही हो जाता है सवेरा,
सुबहा देखने के लिये रात भर सोना पड्ता है.
☘शुभ रात्रि ☘
कुछ पानें के लिये कुछ खोना पढ्ता है,
मुसकुराने के लिये रोना भी पढ्ता है,
यू ही नही हो जाता है सवेरा,
सुबहा देखने के लिये रात भर सोना पड्ता है.
☘शुभ रात्रि ☘