*कभी करवा चौथ पर दीदार ।।*
*कभी ईद पर इन्तजार।।*
*ए चाँद बता तेरा मजहब क्या है ।।*
*तू सब का है, तो जमीं पर ये तमाशा क्या है.*
*कभी करवा चौथ पर दीदार ।।*
*कभी ईद पर इन्तजार।।*
*ए चाँद बता तेरा मजहब क्या है ।।*
*तू सब का है, तो जमीं पर ये तमाशा क्या है.*