‪✍ *”क्षमा” कितनी खुशनसीब है जिसे पाकर लोग अपनों को याद करते है,*
👉 *”अहंकार” कितना बदनसीब है जिसे पाकर लोग अक्सर अपनों को ही भूल जाते है..

*करम की गठरी लाद के,*
*जग में फिरे इंसान,!!*
*जैसा करे वैसा भरे,*
*विधि का यही विधान,!!*
*करम करे क़िस्मत बने,*
*जीवन का ये मर्म,!!*
*प्राणी तेरे भाग्य में,*
*तेरा अपना कर्म!!*

*🙏🏻💐🌹🙏🏻सुप्रभात…..🙏🏻💐🌹🙏🏻*

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