*हित चाहने वाला पराया भी अपना है और अहित करने वाला अपना भी पराया है।*
*रोग अपनी देह में पैदा होकर भी हानि पहुंचाता है और औषधि वन में पैदा होकर भी हमारा लाभ ही करती है।*
🙏��🍀🌱🌳 *शुभप्रभात*🌻 🌹🌺🙏
*हित चाहने वाला पराया भी अपना है और अहित करने वाला अपना भी पराया है।*
*रोग अपनी देह में पैदा होकर भी हानि पहुंचाता है और औषधि वन में पैदा होकर भी हमारा लाभ ही करती है।*
🙏��🍀🌱🌳 *शुभप्रभात*🌻 🌹🌺🙏