‪: 🍃 *ये जीवन है…साहब..*
*उलझेंगे नहीं,*
*तो सुलझेंगे कैसे…*
*और बिखरेंगे नहीं,*
*तो निखरेंगे कैसे….*🍃 *”ख़्वाब भले टूटते रहे मगर “हौंसले”*
*फिर भी ज़िंदा हो*

*”हौसला ” अपना ऐसा रखो जहाँ*
*मुश्किलें भी शर्मिंदा हो !!””………*

।। 🙏🏻 *सुप्रभात* 🙏🏻 ।।

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