*बीतता वक़्त है, लेकिन !*
*ख़र्च, हम हो जाते हैं..!!*
*कैसे “नादान” है हम*
*दुःख आता है तो,”अटक” जाते है, औऱ सुख आता है तो, “भटक” जाते हैं।*
🙏 *शुभप्रभात* 🙏
*बीतता वक़्त है, लेकिन !*
*ख़र्च, हम हो जाते हैं..!!*
*कैसे “नादान” है हम*
*दुःख आता है तो,”अटक” जाते है, औऱ सुख आता है तो, “भटक” जाते हैं।*
🙏 *शुभप्रभात* 🙏